कारगिल विजय by मेजर जनरल अभि परमार (से.नि)
कारगिल के विजय दिवस पर
तुमको मेरा नमन प्रणाम
देश भक्ति और देश प्रेम का
तुम्हीं साक्ष्य हो तुम्हीं प्रमाण
श्रद्धा सुमन तुम्हे अर्पित हैं
हे भारत के उन्नत भाल
रक्षा कवच तुम्हीं हो सैनिक
तुम भारत की अंतिम ढाल
कारगिल के युद्ध विजय में
कर बैठे अपना बलिदान
संघार किया शत्रु का तुमने
रक्खा हिम शिखरों का मान
रक्त वही जो बहे युद्ध में
युद्ध क्षेत्र ही उसका स्थान
रक्त बहा हो जब सैनिक का तो
इससे बढ़ कर क्या प्रतिदान
तुम्हे नमन है सैनिक तुम हो
भारत के गौरव और मान
तुम्हें विदित है क्या होता है
देश भक्ति में जीवन दान
कारगिल के विजय दिवस पर
तुमको मेरा नमन प्रणाम
अभि
26 Jul ’24
The poetry by Gen Parmar on Vijay Diwas is just too good